एपीओ और बीडीओ साहब की सह पर मनरेगा योजनाओं में जमकर हो रही धांधली

Sara Samay News

क्या बीडीओ सुनील सिंह के संरक्षण में चल रहा है भ्रष्टाचार का खेल?

आखिर क्यों मीडिया के दखल से डरते हैं बीडीओ सुनील सिंह?

बीडीओ सुनील सिंह ने कहा कि पत्रकारों को कोई दखल ना करने दो नहीं वो और चीजों को खुद ही खोज लेंगे?

आखिर क्या छिपाना चाहते हैं बीडीओ साहब?

पूर्व प्रधान ने लगाए आरोप कहा बिना काम कराए फर्जी लोगों के खाते में दिया जा रहा मनरेगा का पैसा

बिना सड़क निर्माण कराए ही प्रधान और सचिव ने मिलकर डकारे लाखों

सूरज शुक्ल/अविनाश पांडेय

ऊंचाहार रायबरेली। रोहनिया ब्लाक इस समय भ्रष्टाचार के मामलों में प्रमुख स्थान पर नज़र आ रहा है । क्योंकि यहां के बीडीओ सुनील सिंह अपने खोटे सिक्कों को भी खोटा कहने में गुरेज करते हैं। और उनके पक्षकार के रूप में पैरवी करते नज़र आते हैं। जिसका ही परिणाम है कि उनके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पंचायतों में लगातार भ्रष्टाचार के मामले उजागर होते रहते हैं। हां ये बात और है कि कुछ छप जाते हैं और कुछ मास्टरमाइंड बीडीओ साहब की चालाकी से छुप भी जाते हैं। बीडीओ साहब के साहबजादों की एक और करतूत उजागर हुई है। पूर्व प्रधान ने प्रधान और सचिव पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। मामला रोहनिया ब्लाक के खान आलमपुर सताहरा गांव का है । जहां पूर्व प्रधान की माने तो मनरेगा योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। आपको बताते चलें की खान आलमपुर सताहरा के पूर्व प्रधान छोटेलाल यादव ने वर्तमान प्रधान पर आरोप लगाया है की मनरेगा योजनाओं में जमकर धांधली चल रही है फर्जी लोगों के खातों में बिना काम किए पैसे भेजे जा रहे हैं। जबकि जो मनरेगा में काम करने जाते हैं उनको पैसों के लिए काफ़ी भटकना पड़ता है । जबकि आरोप है कि प्रधान अपने चहेतों का मनरेगा मास्टररोल में नाम चढ़ाकर फर्जी तरीके से पैसे भेज रहा है। जिसमे से आधे पैसे वापस लेकर प्रधान और अधिकारियों के बीच खूब बंदर बांट किया जाता है। यही वजह है कि बिना काम कराए पैसा पास हो जाता है। पूर्व प्रधान छोटेलाल की माने तो सताहरा से हुल्ला का पुरवा नहर पुल तक के सड़क का पैसा एक नहीं दो बार पास करवा कर प्रधान और तत्कालीन सचिव घनश्याम सिंह के बीच बंदर बांट कर लिया गया था । जबकि सड़क पर बिल्कुल भी काम नही किया गया । एक फावड़ा माटी भी नहीं डाली गई। साथ ही गांव में स्थित एक तालाब खुदाई के नाम पर भी लाखों रूपए डकारने का आरोप पूर्व प्रधान के द्वारा लगाया गया है। आरोप है कि पैसा पास करा लिया गया जिसे प्रधान से लेकर ब्लाक तक के जिम्मेदारों के बीच बांट लिया गया । पूर्व प्रधान छोटेलाल ने बताया की इस बात की सूचना बीडीओ साहब को भी फ़ोन के माध्यम से दी गई थी लेकिन कोई जांच नहीं हुई। पूर्व प्रधान की बातों पर विश्वास करें तो बीडीओ साहब की भी भूमिका सवालों के घेरे में है। बीडीओ साहब को जब पूर्व प्रधान ने सूचना दी तब जांच क्यों नहीं हुई?
क्या बीडीओ साहब भी प्रधान और सचिव व एपीओ के भ्रष्टाचार में शामिल है? अगर बीडीओ साहब की संलिप्तता नहीं है तो जांच क्यों नहीं करवाई गई? जैसे तमाम यक्ष प्रश्न लोगों के जहन में आज भी घूम रहे हैं। अभी कुछ दिन पूर्व ही बीडीओ सुनील सिंह ने एक ग्राम प्रधान प्रतिनिधि को पत्रकारों के दखल से बचने और दूर रहने को कहा था । और कहा था की अगर आप उन्हें कुछ तथ्य देंगे तो वो बाकी चीजें भी खोज लेंगे। ऐसा क्या छिपाना चाहते बीडीओ साहब ? अभी पुष्टि तो नहीं हुई है लेकिन पूर्व प्रधान के आरोप के बाद इतना जरूर कह सकते हैं की शायद जो आरोप पूर्व प्रधान ने लगाए हैं ऐसा ही खेल रोहनिया ब्लाक की प्रत्येक गांवो में चल रहा है । जिसे बीडीओ साहब मीडिया की नज़र से छुपाकर रखना चाहते हैं। अब देखने वाली बात होगी की क्या बीडीओ साहब पूर्व प्रधान के आरोपों को संज्ञान में लेकर खान आलमपुर सताहरा में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच करेंगे और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों पर कार्यवाही करेंगे या फिर अपने साहबजादों के मनोबल को बढ़ाते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे। और उनके मजबूत पक्षकार के रूप में पैरवी करते रहेंगे।

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