जेल में बंद कैदियों से मिलने आने वाली उनकी बहनों के लिए खासे इंतजाम किए गए थे। इस साल राज्य के भीतर बनीं 73 जिलों में हजारों महिलाओं ने अपने अपने भाइयों से मुलाकात करते हुए रक्षाबंधन का पर्व मनाया। इस बीच एक भी बहन को बिना राखी बांधे जेल से वापस नहीं लौटाया गया।
छोड़े जाएंगे 70 की उम्र पार कार चुके कैदी
यूपी की जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे 70 साल से ज्यादा के बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बंदियों को योगी सरकार बड़ी राहत देने का फैसला किया है। मानवीय आधार पर ऐसे कैदियों को जेल की चहारदीवारी से बाहर भेजने की तैयारियां शुरू कर दी है। हालांकि इसके लिए उत्तर प्रदेश बंदी परिवीक्षा नियमावली और जेल मैनुअल में निहित नियमों के तहत रिहाई के लिए प्राथमिकता तय करने के लिए कहा गया है। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी ध्यान में रखने के लिए कहा गया है। जैसे, क्या उसके द्वारा किया गया अपराध समाज को व्यापक रूप से प्रभावित किये बिना केवल व्यक्ति विशेष तक सीमित अपराध की श्रेणी में आता है? क्या बंदी द्वारा भविष्य में अपराध करने की कोई आशंका है? क्या सिद्धदोष बंदी दोबारा अपराध करने में अश्क्त हो गया है? क्या बंदी को जेल में और आगे निरुद्ध करने का कोई सार्थक प्रयोजन है? और क्या बंदी के परिवार की सामाजिक, आर्थिक दशा बंदी को समयपूर्व रिहाई के लिए उपयुक्त है।
अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम्। अर्थात -प्रत्येक जीव को अपने किये हुए अच्छे व बुरे कर्मों का फल भोगना पड़ता है।
![](https://sarasamaynews.com/wp-content/uploads/2023/10/IMG-20231003-WA0012-3-1024x683.jpg)
![Beautiful photomechanical prints of White Irises (1887-1897) by Ogawa Kazumasa. Original from The Rijksmuseum.](https://s.w.org/patterns/files/2021/06/Iris-793x1024.jpg)
White Irises
Ogawa Kazumasa
Cherry Blossom
Ogawa Kazumasa
![Beautiful photomechanical prints of Cherry Blossom (1887-1897) by Ogawa Kazumasa. Original from The Rijksmuseum.](https://s.w.org/patterns/files/2021/06/Cherry-Blossom-707x1024.jpg)